केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा ने कहा..
आर्टिफीशियल इन्टेलिजेन्स मानव संसाधन का विकल्प नहीं बल्कि सहयोगी बने
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इसका महत्त्व और भी ज्यादा है। आयोजित विज्ञान नवाचार व्याख्यान उन्होंने इस डेटा को कच्चे माल की जयपुर। केन्द्रीय विज्ञान एवं माला के अन्तर्गत आर्टिफीशियल तरह उपयोग करने के लिए कहा, प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. इंटेलिजेन्स विषय पर मुख्य अतिथि के जिससे रोजगार और व्यवसाय के नए आशुतोष शर्मा ने कहा कि तौर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आयाम खुलेंगे। उन्होंने कहा कि यदि आर्टिफीशियल इंटेलीजेन्स आने वाला कहा कि भविष्य में संचार, डेटा, हम उपलब्ध डेटा से कोई फायदेमंद कल है और मानव और मशीन एक डिसीजन मेकिंग और सेंसर के और महत्त्वपूर्ण समाधान प्राप्त नहीं कर साथ मिलकर किस तरह काम कर कन्वरजेन्स से हर क्षेत्र में ऑटोमेशन सकते, तो इसका कोई फायदा नहीं है। सकते हैं, यह आने वाले समय की बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि डिसिजन इस अवसर पर आईआईटी जोधपुर के सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि मेकिंग का काम आने वाले समय में निदेशक प्रो. शान्तनु चौधरी मशीनों को मानव संसाधन का विकल्प मानव की बजाय मशीनों के हाथ में आर्टिफीशियल इंटेलिजेन्स ऑफ थिंग्स नहीं बनना चाहिये, बल्कि अधिक होगा। उन्होंने कहा कि डेटा आज के के बारे में बताते हुए कहा कि यह उत्पादन के लिए श्रम शक्ति बढ़ाने की समय की सबसे बड़ी ताकत है और एनेलिसिस और डिसीजन मेकिंग तरह काम करना चाहिये। शर्मा शुक्रवार भारत जैसे विविधता वाले देश में सिस्टम है।